ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक भयानक सच, ब्लैक होल अंतरिक्ष के काले अँधेरे में घूमता हुआ एक काला दानव ! जी हाँ, आप ब्लैक होल को अंतरिक्ष का भूखा दानव बोल सकते हो ! एक ऐसा दानव जिसकी भूख कभी शान्त नहीं होती ऐसा लगता है कि ब्रह्माण्ड में ऐसी कोई भी चीज बनी ही नहीं जो ब्लैक होल का भोजन ना बन सके ! ब्रह्माण्ड में प्रकाश की चाल सबसे तेज है जब प्रकाश ब्लैक होल के पास से गुजरता है तो ये भी 360 डिग्री मुड़ जाता है मतलब ब्लैक होल में जब प्रकाश प्रवेश करता है तो ये उसकी वन वे टिकट होती है ! प्रकाश एक बार ब्लैक होल में प्रवेश कर गया तो ये कभी भी बाहर नहीं आ सकता !
तो अब आप सोच सकते हो की ब्लैक होल कितना शक्तिशाली होता है ! ब्लैक होल की ग्रेविटी इतनी तीव्र होती है कि ये स्पेस टाइम को भारी मात्रा में प्रभावित करती है ! अगर आसान भाषा में कहें तो ब्लैक होल की तीव्र ग्रेविटी की वजह से इसके अंदर समय तक रुक जाता है ! ब्लैक होल की इसी तीव्र ग्रेविटी की वजह से स्पेस डस्ट, उल्का पिंड, ग्रह और तारे तक इसमें समा जाते हैं !
वैसे हमारे सबसे नजदीकी ब्लैक होल हमसे 1600 प्रकाश वर्ष दूर है ! इसलिए निकट भविष्य में हमें ब्लैक होल से कोई भी खतरा नहीं है ! लेकिन अंतरिक्ष वो भयानक सच है जहाँ कभी-कभी हमारी की हुई भविष्यवाणी और आधुनिक उपकरण भी फेल हो जाते हैं ! हमारा सूर्य मिल्की वे गैलेक्सी के ऑर्बिट में 7,20,000 किलोमीटर/घंटा की रफ़्तार से एक अन्जान रास्ते पर चक्कर लगा रहा है ! जी हाँ, जिस तरह पृथ्वी सूर्य के चक्कर एक साल में लगाती है उसी तरह सूर्य भी मिल्की वे गैलेक्सी के ऑर्बिट में घूम रहा है !
आपको एक बात जानकार हैरानी होगी कि अभी तक सूर्य मिल्की वे गैलेक्सी की एक परिक्रमा तक नहीं लगा पाया है और ना ही कभी लगा पायेगा ! क्योंकि जब तक सूर्य की परिक्रमा पूरी होगी उससे पहले ही सूर्य मर चुका होगा ! खैर हम बात कर रहे थे अंतरिक्ष के भयानक सच की ! ब्लैक होल एक ऐसा भयानक सच है ! जिसको कभी देखा नहीं जा सकता क्योंकि किसी भी चीज को देखने के लिए उससे प्रकाश का रिफ्लेक्ट होना बेहद जरुरी है ! लेकिन ब्लैक होल में तो केवल लाइट जा सकती है बाहर नहीं निकल सकती ! यही कारण है कि ब्लैक होल को डिटेक्ट करना इतना आसान नहीं होता !
लावारिश ब्लैक होल
आप लावरिस ग्रह और भटकते हुए तारों यानी शूटिंग स्टार्स के बारे में तो जानते ही होगें ! जिस तरह अंतरिक्ष में भटकते हुए उल्का पिंड, भटकते हुए लावारिस ग्रह और भटकते हुए तारे होते हैं ! जो कि बेहद खतरनाक होते हैं ! उसी तरह अंतरिक्ष में भटकते हुए लावारिश ब्लैक होल भी होते हैं ! जी हाँ, इन भटकते हुए लावारिश ब्लैक होल का कोई भी निश्चित ऑर्बिट नहीं होता ! ये लावारिश ब्लैक होल आकाश गंगा में अनियमित रूप से भटकते हैं ! इसलिए इनके पथ को प्रिडिक्ट करना आसान नहीं होता ! और इन भटकते हुए ब्लैक होल्स के रास्ते में जो भी आता है वो इनका भोजन बनता जाता है ! चाहे वो कितना ही बड़ा तारा क्यों ना हो !
अभी तक खोजे हुए लावारिश ब्लैक होल में सबसे बड़ा लावारिश ब्लैक होल हमारे सूर्य से 17 बिलियन गुना है ! कुछ समय पहले तक यही माना जाता था ! कि भटकते हुए ब्लैक होल नहीं होते लेकिन हबल स्पेस टेलिस्कॉप ने इस बात को खरिज कर दिया और भटकते हुए एक लावारिश ब्लैक होल को खोजा जो कि 2000 किलोमीटर/सेकेंड की रफ़्तार से गैलेक्सी में भटक रहा है जो हमारे सूर्य से 1 बिलियन गुना बड़ा है ! और ना जाने ऐसे कितने ही भटकते हुए लावारिश ब्लैक होल होगें जो कि अभी तक डिटेक्ट नहीं हुए हैं !